कथा की व्यथा | पुलिया का पागल चौकीदार | कहानी सुदामा प्रसाद प्रेमी
पुलिया का पागल चौकीदार कहानी एक सच्चे प्रेमी की जिसकी कहानी को गढ़ा जमानो पूर्व साहित्यकार सुदामा प्रसाद प्रेमी जी ने यू तो गढ़वाली साहित्य में भी कही बेहतरीन से… Read More...
मखमली आवाज के जादूगर गोपाल बाबू गोस्वामी जिन्होंने कुमाऊनी भाषा के गीत संगीत को एक हिमालय ऊंचाई दी, गोपाल बाबू गोस्वामी उत्तराखण्ड आधार स्तम्भ गायको में से एक है। पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी भी गोपाल बाबू के गीत सुन मंत्रमुग्ध हो… Read More...
मोछंग उत्तराखंड का एक वोकल वाद्य यंत्र है, जो किसी धातु पत्ती की छड़ का बना होता है. जिसको उत्तराखंड के पहाड़ी समाज मे हर सुख दुःख के अवसरो में बजाया जाता है. मोछंग को विणई भी कहते है. पहाड़ी समाज जब पहाड़ के लोकधुनों और लोकगीतों में विणयी बजती… Read More...
गुलशन कुमार भी जैसे जैसे बड़े हुए अपने पिता जी के साथ जूस बेचने लगे। 1970 के दशक में गुलशन कुमार ने अपने पिता जी के साथ मिलकर एक कैसेट की दुकान खोली। 1970 में किसी रेडियो कम्पनी ने एक ऐसा रेडियो बनाया जिसमें रेडियो के साथ कैसेट भी लगते थे। Read More...
अस्सी के दशक में जँहा नरेंद्र सिंह नेगी ऑडियो कैसेट के माध्यम से लोकप्रिय हो रहे थे, वही उसी दौर में उत्तराखंड की बोली भाषाओं में फिल्में भी बनने लगी । उसी दौर में जब बॉम्बे निवासी विश्वेश्वरदत्त नौटियाल जी घरजवै फिल्म का निर्माण कर रहे थे… Read More...
उत्तराखंड की स्वर कोकिला कबूतरी देवी का आज वाली कबूतरी देवी जी का 7 जुलाई 2018 को पिथौरागढ़ के जिला अस्पताल में निधन हो गया। कबूतरी देवी के स्वर कण्ठ उत्तराखंड की वादियों और कुमाऊनी लोकगीत और ऑडियो वीडियो रेडियो रिकॉर्ड में उनकी आवाज सदा… Read More...
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