हिंदू धर्म में कई तरह की मान्यताएँ हैं। हिंदू धर्म में कई व्रत-त्योहार भी मनाए जाते हैं। सभी व्रत-त्योहारों का अपना-अपना धार्मिक महत्व होता है और इसके कई रीति-रिवाज भी होते हैं। हिंदू धर्म में कई ऐसी परम्पराओं का पालन किया जाता है, जिसके बारे में बहुत कम लोगों को पता होता है। हालाँकि पहले से लोग इन परम्पराओं को निभाते आ रहे हैं, इसी वजह से लोग उसे आज भी निभा रहे हैं। बहुत कम ही लोग ऐसे होते हैं जो निभाई जाने वाली इन परम्पराओं के बारे में जानते हैं। यह बात बताने की ज़रूरत नहीं है कि 10 अक्टूबर 2018 बुधवार से शारदीय नवरात्र शुरू हो गए हैं।
आख़िर कलश के सामने क्यों बोया जाता है जौ:
नवरात्रि में माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि में कई मान्यताएँ और परम्पराओं का पालन किया जाता है। अक्सर आपने देखा होगा कि नवरात्रि की शुरुआत में ही कलश के सामने गेहूँ व जौ को मिट्टी के पात्र में बोया जाता है और इसकी पूजा भी की जाती है। अब आप सोच रहे होंगे कि आख़िर ऐसा क्यों किया जाता है? हममें से ज़्यादातर लोगों को यह पता ही नहीं है कि आख़िर कलश के सामने जौ क्यों बोया जाता है? अगर आप भी अबतक इस बात से अनजान थे तो चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है। आज हम आपके इसी सवाल का जवाब लेकर आए हैं।
बोया हुआ जौ करता है भविष्य की तरफ़ इशारा:
दरअसल नवरात्र में जौ बोने के पीछे मान्यता है कि ऋष्टि की शुरुआत में सबसे पहली फ़सल जो थी वह जौ ही थी। जौ को पूर्ण फ़सल भी कहा जाता है। जौ बोने का मुख्य कारण है कि अन्न ब्रह्मा है, इसलिए अन्न का सम्मान करना चाहिए। आपने यह अक्सर ही देखा होगा कि किसी भी शुभ कार्य में जौ का इस्तेमाल ज़रूर किया जाता है। बता दें नवरात्र पूजा में केवल जौ बोने का ही महत्व नहीं है, बल्कि यह कितनी तेज़ी से बढ़ता है, यह भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। नौ दिनों के नवरात्रि के दौरान बोया हुआ जौ कितना बढ़ जाता है, यह हमारे भविष्य की तरफ़ इशारा भी करता है। आइए जानते हैं क्या संकेत देता है जौ।
नवरात्र में बोया जाने वाला जौ देता है ये संकेत:
*- अगर आपके द्वारा बोया हुआ जौ तेज़ी से बढ़ रहा है तो इसका मतलब घर में सुख-समृद्धि आने वाली है। वहीं अगर जौ नहीं उगता है या अच्छी तरह से नहीं उगता है तो यह अशुभ संकेत की तरफ़ इशारा करती है।
*- बोया हुआ जौ अगर सफ़ेद रंग का और सीधा उगा हो तो यह शुभ माना जाता है, जबकि वहीं अगर जौ का रंग काला और टेढ़ा-मेढ़ा उगा हो तो यह अशुभ माना जाता है।
*- बोए हुए जौ का रंग नीचे से पीला और ऊपर से हरा होता है तो समझ जाइए कि वर्ष की शुरुआत ख़राब होती है, लेकिन धीरे-धीरे सब ठीक हो जाता है। वहीं अगर जौ का रंग नीचे से हरा और ऊपर से पीला हो तो वर्ष की शुरुआत अच्छी होती है, लेकिन धीरे-धीरे परेशनियाँ बढ़ जाती हैं।
*- अगर जौ घना और हरा हो तो पूरा साल अच्छा बीतने का संकेत मिलता है।
आपको बता दें अगर आपके बोए हुए जौ से कुछ अशुभ संकेत दिखाई देते हैं तो आप बहुत ज़्यादा परेशान ना हों। इससे बचने के लिए आप अष्टमी के दिन माँ से विपदाओं को दूर करने के लिए प्रार्थना करें और माँ के बीज मंत्र का 1008 बार जाप करें। आपके ऐसा करने के बाद जौ के द्वारा मिले सभी बुरे संकेत शुभ में बदल जाते हैं। इसलिए अगर आपके जौ आपको बुरा संकेत देते हैं तो बहुत ज़्यादा परेशान ना हो बस माता पर अपनी श्रद्धा बनाए रखें और नवरात्रि में विधि-विधान से माता का पूजन करें।
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