आपको याद होगा कुछ साल पहले महाराष्ट्र से उत्तर भारतियों को खदेड़कर बाहर निकालने की मुहिम चल पड़ी थी। उसके बाद उत्तर भारतियों ख़ासतौर से यूपी-बिहार के लोगों पर वहाँ ख़ूब हमले होने लगे थे। इस वजह कुछ लोगों की जान भी चली गयी थी। वही हाल इस समय गुजरात में देखने को मिल रहा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें गुजरात के साबरकांठा में एक 14 महीने की बच्ची के साथ बलात्कार की घटना घटी। इसके बाद गुजरात का माहौल काफ़ी बिगड़ गया है। गुजरात में हुई इस अमानवीय घटना के बाद मध्य प्रदेश, यूपी और बिहार के लोगों पर हमले बढ़ गए हैं।
14 साल की बच्ची से बलात्कार के मामले में बिहार का व्यक्ति गिरफ़्तार:
गुज़ारत में दूसरे राज्यों से आकर रहने वाले लोग अब तेज़ी से पलायन कर रहे हैं। लोग अपने परिवारों को लेकर यहाँ-वहाँ जान बचाकर भाग रहे हैं। बताया जा रहा है कि पलायन करने वाले लोगों में साबरकांठा, महेसाना, अरवल्ली, गाँधीनगर, सुरेन्द्रनगर इलाक़े से हैं। जानकारी के अनुसार गुज़ारत के साबरकांठा में एक 14 महीने की मासूम बच्ची के साथ बलात्कार के आरोप में पुलिस ने बिहार के रहने वाले एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया। इस घटना के विरोध में लोग ग़ुस्से में हैं। इस घटना के बाद यूपी-बिहार के लोगों पर हमले बढ़ गए हैं।
जल्दी से भाग जाओ वरना नहीं रह पाओगे ज़िंदा:
जानकारी के अनुसार ठाकोर सेना के लोगों ने इस गाँव के आस-पास के गाँवों में रहने वाले लोगों को जान से मारने की धमकी देते हुए तोड़फोड़ और आगज़नी की वारदात को भी अंजाम दिया। मध्य प्रदेश के भिंड के रहने वाले राजूभाई अपने पूरे परिवार के साथ पिछले 10 सालों से गुजरात के कड़ी में रहते हैं। वो पानीपुरी बेचकर अपने परिवार का गुज़ारा चलाते हैं। राजूभाई ने बताया कि, दो दिन पहले अचानक यहाँ पर कुछ लोग आए और उन्हें जान से मारने की धमकी देते हुए उनकी पानीपूरी की गाड़ी को तोड़ दिया। उन्हें यह धमकी भी दी गयी कि जल्दी से जल्दी यहाँ से पाने परिवार के साथ निकल जाओं वरना ज़िंदा नहीं रह पाओगे।
हर रोज़ 80-90 बस भरकर लोग कर रहे हैं पलायन:
इस मामले में राजूभाई की पत्नी कमला देवी का कहना है कि, जो गुनाहगार हैं उन्हें सज़ा मिलनी चाहिए। लेकिन हम लोगों को क्यों परेशान किया जा रहा है। हमारी दो बेटियाँ हैं। अब सबकुछ छोड़कर यहाँ से हमें अपने गाँव जाना पड़ रहा है। इस घटना से एक बात तो साबित हो गयी कि किसी एक की ग़लती की सज़ा पूरे उत्तर भारत के लोगों को भुगतनी पड़ रही है। राजूभाई अकेले नहीं हैं। अहमदाबाद के मेधानीनगर से रोज़ाना ग़ैर-गुजराती 80-90 बस भरकर वहाँ से पलायन कर रहे हैं। ग़ैर-गुजरातियों पर होने वाले हमले से राजधानी अहमदाबाद भी अछूती नहीं रही।
हमले के 19 मामले हो चुके हैं दर्ज:
बता दें अहमदाबाद में एक रिक्शा चलाने वाले पर हमला करके उसके रिक्शा को तोड़ दिया गया। रिक्शा चालक मलखान का कहना है कि, वह देर शाम सिविल लाइन अस्पताल से घर वापस आ रहा था। अचानक से उसके सामने कुछ लोग आए और उससे पूछने लगे कि तुम उत्तर भारतीय हो? जब उसने इस सवाल का जवाब दिया तो पहले उसके रिक्शे को तोड़ गया बाद में उसे जान से मारने की धमकी भी दी गयी। जानकारी के अनुसार पूरे गुजरात में ग़ैर-गुजरातियों पर होने वाले हमले धीरे-धीरे बढ़ते जा रहे हैं। अब तक ग़ैर-गुजरातियों पर हुए हमले के 19 मामले दर्ज हो चुके हैं।
सुरक्षा के लिए तैनात किए गए हैं 2500 पुलिसकर्मी:
इस मामले में पुलिस ने 150 लोगों को गिरफ़्तार भी किया है। वहीं इस घटना के बाद पुलिस के ऊपर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस लोगों को यह भरोसा दिला रही है कि वो किसी से ना डरे और पलायन ना करें, लेकिन लोगों के मन में डर बैठ गया है। इसको लेकर गुजरात पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा का कहना है कि, सोशल मीडिया पर ग़ैर-गुजरातियों ख़ासतौर से बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों के ख़िलाफ़ नफ़रत भरे संदेश प्रसारित होने के बाद ये हमले तेज़ हो गए हैं। पुलिस के अनुसार इस तरह के सोशल मीडिया मैसेज को रोकने के लिए साइबर सेल नज़र रख रही है। साथ ही एहतियातन अहमदाबाद में 2500 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
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